बीजेपी के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के तेवर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सधी फटकार के बाद भी बदलते नजर नहीं आ रहे.
अपने बयानों से केंद्र सरकार और बीजेपी दोनों के लिए समस्या खड़ी करने वाले
स्वामी ने अब सीधे मोदी सरकार के 'अच्छे दिनों' पर प्रहार किया है.
उन्होंने शुक्रवार सुबह ट्विटर पर 'जीडीपी' के तीर से आरबीआई और सरकार
दोनों पर एकसाथ वार किया.
स्वामी ने सुबह-सुबह टि्वटर पर लिखा, 'अगर मैं इंडेक्स नंबर के सैमुअल्सन-स्वामी थ्योरी को भारतीय जीडीपी की गणना या आरबीआई इंटरेस्ट रेट पर लागू करूं तो मीडिया चिल्लाने लगेगी कि ये पार्टी विरोधी गतिविधी है.'
इसमें कोई दो राय नहीं है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट के जरिए जिस तरह देश की जीडीपी के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं, इससे मोदी सरकार का आहत होना तय है. क्योंकि गौर करने वाली बात यह है कि दो साल के कार्यकाल के बाद केंद्र सरकार अगर अपनी सफलताओं को गिनाने बैठती है तो पहला नंबर बेहतर जीडीपी को देती है.
बता दें कि पॉल सैमुअलसन एक प्रतिष्ठित अमेरिकी अर्थशास्त्री थे. स्वामी कई मौकों पर उन्हें अपना गुरु तक बता चुके हैं.
मोदी सरकार ने जीडीपी के आंकड़ों को बताया 'अच्छे दिन'
अभी बीते महीने ही सरकार ने बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के आंकड़े जारी करते हुए दावा किया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी है. बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7.9 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज की है. मोदी सरकार ने इस तरह भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बताया. राजनीतिक जानकार स्वामी के इस ट्वीट को सीधे पीएम पर हमले की संज्ञा दे रहे हैं, जबकि निशाने पर हमेशा की तरह वित्त मंत्रालय और इसके प्रमुख अरुण जेटली भी हैं.
पीएम ने सुनाई थी खरी-खरी
गौरतलब है कि बीजेपी को अपने बयानों से असहज करने वाले राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों खरी खरी सुनाई. पीएम ने कहा कि अगर कोई पब्लिसिटी के लिए बयान दे रहा है तो ये गलत है. मोदी ने कहा कि कोई भी पार्टी से बड़ा नहीं हो सकता, वहीं स्वामी ने ट्विटर के जरिए पीएम पर पलटवार किया. उन्होंने बुधवार सुबह ट्वीट किया कि वह पब्लिसिटी के पीछे नहीं भागते, बल्कि पब्लिसिटी उनके पीछे भागती है.
स्वामी ने सुबह-सुबह टि्वटर पर लिखा, 'अगर मैं इंडेक्स नंबर के सैमुअल्सन-स्वामी थ्योरी को भारतीय जीडीपी की गणना या आरबीआई इंटरेस्ट रेट पर लागू करूं तो मीडिया चिल्लाने लगेगी कि ये पार्टी विरोधी गतिविधी है.'
इसमें कोई दो राय नहीं है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट के जरिए जिस तरह देश की जीडीपी के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं, इससे मोदी सरकार का आहत होना तय है. क्योंकि गौर करने वाली बात यह है कि दो साल के कार्यकाल के बाद केंद्र सरकार अगर अपनी सफलताओं को गिनाने बैठती है तो पहला नंबर बेहतर जीडीपी को देती है.
If
I apply Samuelson-Swamy Theory of Index Numbers to India's GDP
calculation or RBI interests rates, media will scream anti party
activity!
— Subramanian Swamy (@Swamy39)बता दें कि पॉल सैमुअलसन एक प्रतिष्ठित अमेरिकी अर्थशास्त्री थे. स्वामी कई मौकों पर उन्हें अपना गुरु तक बता चुके हैं.
मोदी सरकार ने जीडीपी के आंकड़ों को बताया 'अच्छे दिन'
अभी बीते महीने ही सरकार ने बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के आंकड़े जारी करते हुए दावा किया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी है. बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7.9 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज की है. मोदी सरकार ने इस तरह भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बताया. राजनीतिक जानकार स्वामी के इस ट्वीट को सीधे पीएम पर हमले की संज्ञा दे रहे हैं, जबकि निशाने पर हमेशा की तरह वित्त मंत्रालय और इसके प्रमुख अरुण जेटली भी हैं.
पीएम ने सुनाई थी खरी-खरी
गौरतलब है कि बीजेपी को अपने बयानों से असहज करने वाले राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों खरी खरी सुनाई. पीएम ने कहा कि अगर कोई पब्लिसिटी के लिए बयान दे रहा है तो ये गलत है. मोदी ने कहा कि कोई भी पार्टी से बड़ा नहीं हो सकता, वहीं स्वामी ने ट्विटर के जरिए पीएम पर पलटवार किया. उन्होंने बुधवार सुबह ट्वीट किया कि वह पब्लिसिटी के पीछे नहीं भागते, बल्कि पब्लिसिटी उनके पीछे भागती है.
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