भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान हुए कई
घटनाओं को सार्वजनिक किया। इसी दौरान उन्होंने एक ऐसा राज खोला जो शायद ही
किसी क्रिकेट फैंस को पता हो। हरभजन ने कहा कि एक बार उन्हें और युवराज
सिंह को पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने कमरे में मारा था।
क्या हुआ था भज्जी और युवी के साथ
हरभजन सिंह के मुताबिक उन्हें शोएब अख्तर ने कहा कि वह मेरे कमरे में आकर मुझे पीटेगा। मैंने भी उससे कह दिया कि आ जा और देखते हैं कौन किसे पीटता है। शोएब की बात से मैं काफी डर गया था। वह काफी लंबा चौड़ा था। उसने एक बार मुझे और युवराज को कमरे के अंदर मारा था। वह काफी भारी था इसलिए उसे काबू करना जरा मुश्किल था।
शोएब से मैदान के बाहर अच्छी दोस्ती
हालांकि हरभजन ने ये भी कहा कि शोएब और उनकी मैदान पर बहस होती रहती है मगर मैदान के बाहर वो मेरे अच्छे दोस्त हैं। भज्जी के मुताबिक शोएब मुझे काफी परेशान करता था। वह हमारे साथ बैठता था, हमारे साथ खाता था। वह हमारे काफी करीब था इसलिए वह हमें तवज्जो नहीं देता था। उसने एक बार मुझे अपनी गेंद पर छक्का लगाने को कहा और मैंने छक्का लगा दिया इसके बाद तो वो स्तब्ध रह गया। फिर उसने मुझे दो बाउंसर फेंके जिससे मैं बच गया। उसने इसके बाद मुझे अपशब्द कहे और इसका मैंने जवाब दिया। लेकिन मैच के बाद हम साथ बैठे जैसे कुछ हुआ ही नहीं।'
क्या हुआ था भज्जी और युवी के साथ
हरभजन सिंह के मुताबिक उन्हें शोएब अख्तर ने कहा कि वह मेरे कमरे में आकर मुझे पीटेगा। मैंने भी उससे कह दिया कि आ जा और देखते हैं कौन किसे पीटता है। शोएब की बात से मैं काफी डर गया था। वह काफी लंबा चौड़ा था। उसने एक बार मुझे और युवराज को कमरे के अंदर मारा था। वह काफी भारी था इसलिए उसे काबू करना जरा मुश्किल था।
शोएब से मैदान के बाहर अच्छी दोस्ती
हालांकि हरभजन ने ये भी कहा कि शोएब और उनकी मैदान पर बहस होती रहती है मगर मैदान के बाहर वो मेरे अच्छे दोस्त हैं। भज्जी के मुताबिक शोएब मुझे काफी परेशान करता था। वह हमारे साथ बैठता था, हमारे साथ खाता था। वह हमारे काफी करीब था इसलिए वह हमें तवज्जो नहीं देता था। उसने एक बार मुझे अपनी गेंद पर छक्का लगाने को कहा और मैंने छक्का लगा दिया इसके बाद तो वो स्तब्ध रह गया। फिर उसने मुझे दो बाउंसर फेंके जिससे मैं बच गया। उसने इसके बाद मुझे अपशब्द कहे और इसका मैंने जवाब दिया। लेकिन मैच के बाद हम साथ बैठे जैसे कुछ हुआ ही नहीं।'
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