Monday, 4 July 2016

भारत में जिहाद के लिए कराची की मस्जिदों के बाहर फंड जुटा रहा है जैश-ए-मोहम्मद

पाकिस्तान का आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद भारत में आतंकी हमलों के लिए कराची की मस्जिदों के बाहर फंड जुटा रहा है। रमजान के दौरान जैश के इस कदम ने एक बार फिर पाकिस्तान के आतंकवाद को लेकर ढीले रवैये की पोल खोल दी है। लोगों से अपील की जा रही है कि वो जिहादियों की मदद के लिए दिल खोलकर चंदा दें।

- अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने एक वीडियो फुटेज के हवाले से फंड जुटाए जाने का दावा किया है।
- फुटेज पिछले शुक्रवार और शनिवार का है। मस्जिदों में नमाज के लिए आने वाले लोगों से अपील की जा रही है कि वे भारत और अफगानिस्तान में जिहादियों को भेजने के लिए चंदा दें।
- खास बात ये है कि ऑफिशियली तो जैश पर पाकिस्तान में बैन लगाया जा चुका है। हालांकि बैन की सच्चाई इस फुटेज से उजागर हो जाती है।
लोगों से क्या अपील?
- लोगों से अपील के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वो भी पाकिस्तान के झूठ को सामने लाते हैं। फंड जुटाने वाले कह रहे हैं, “जैश-ए-मोहम्मद के मुजाहिदीनों की मदद कीजिए। ये तो इस्लाम के मुजाहिदीन हैं। ये कश्मीर में भारत के और अफगानिस्तान में अमेरिका के खिलाफ लड़ रहे हैं।”
- एक दूसरे फुटेज में एक शख्स कहता है, “खुले दिन से दान कीजिए। ये जैश के बहादुर लड़कों के लिए है जो इस्लाम के लिए जंग लड़ रहे हैं।”
- हैरानी की बात ये है कि जिन जगहों पर ये वीडियो शूट किया गया है वहां पुलिस भी तैनात नजर आती है। जामिया उलूम-ए-इस्लाम के बाहर भी वीडियो शूट किया गया है। इस जगह से कई आतंकियों का रिश्ता रहा है। इनमें जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर का नाम भी शामिल है। इसके अलावा हरक-उल-जिहाद का लीडर कारी सैफुल्ला अख्तर भी यहीं से ताल्लुक रखता है।
इंडियन कनेक्शन भी मौजूद
- रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में पैदा हुआ और अब कराची से ऑपरेट कर रहा अल-कायदा का इंडियन सब्कॉन्टिनेंट चीफ शमी-उल-हक भी जामिया-उलूम-ए-इस्लाम सेमिनरी से जुड़ा है। उसे पिछले ही हफ्ते अमेरिका ने ग्लोबल टेररिस्ट डिक्लेयर किया है।
- शमी ने पिछले शुक्रवार को एक ऑनलाइन मैसेज में जिहादियों से हिंदुओं पर हमले करने को कहा था। उसने कहा था कि अगर हिंदुओं पर हमले हुए तो उनके सुर बदल जाएंगे यानी उन्हें सबक मिल जाएगा।
यै कैसा बैन?
- 2002 में भारतीय संसद पर हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद को पाकिस्तान ने बैन कर दिया था। लेकिन ये सिर्फ कागजी बैन है।
- खबरों के मुताबिक, जैश पाकिस्तान आर्मी के सेंटर्स का इस्तेमाल ट्रेनिंग के लिए करता है। सैटेलाइट इमेजेस से इसकी पुष्टि भी हो चुकी है।
- जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद नवाज शरीफ के एडवाइजर सरताज अजीज ने भी माना था कि एयरबेस पर हमला करने वाले आतंकी जैश के बहावलपुर स्थित हेडक्वॉर्टर के संपर्क में थे।
कौन है मौलाना मसूजद अजहर

- मौलाना मसूद अजहर कश्मीर के टेररिस्ट ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद का चीफ है।
- कंधार प्लेन हाईजैक के दौरान भारत सरकार की तरफ से छोड़े गए तीन आंतकियों में एक मसूद अजहर भी था।
- मसूद फिलहाल पाकिस्तान के बहावलपुर में रहता है।
- पठानकोट हमला जैश के टेररिस्टों ने ही अंजाम दिया है। भारत को इस बात के सबूत मिले हैं।
- टेररिस्टों की जो कॉल डिटेल मिली है उसके मुताबिक पठानकोट एयरबेस पर अटैक करने वाले टेररिस्ट पाकिस्तान में जैश के अपने हैंडलर्स से बात कर
रहे थे।

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